लियाक़त कुुरैशी news1express
रुड़की:-रुड़की की वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर संगीता ने कहां एक चलन ऐसा भी चलाओ कि जब भी किसी कोरोना मरीज को क्वारांटाइन या आइसोलेशन के लिए ले जाया जा रहा हो तो बजाय उनकी वीडियोग्राफी करके उन्हें अपराधी जैसा एहसास ना दिलाएं, बल्कि अपनी बालकनी या घर के दरवाजे से आवाज लगाकर, ताली बजाकर, हाथ उठाकर,फूलों की वर्षा से उनकी हौसला अफजाई करें और उन्हें जल्दी ठीक होने का आश्वासन दे, उनका धैर्य बंधाए, उन्हें सकारात्मक सहयोग देते हुए जल्द ठीक होकर घर वापिस आने की शुभकामनाएँ दें उनके लिए रब से दुआएं करें। उन्होंने कहां की बीमारी आते समय किसी की जाति धर्म या अमीरी गरीबी नहीं देखती र मरीज के साथ मुस्कुराहट से बात करना तथा ठीक होने के लिए मरीज का धैर्य बनाना सबसे बड़ा इलाज है उन्होंने कहा कि डूबते हुए को बचने के लिए तिनके का सहारा मिल जाए तो वह डूबने से बच जाता है इसलिए उनके लिए प्रार्थना करें।
उन्हें खुद के अच्छे पडौसी तथा मित्र होने का अहसास दिलाएं। Get well soon जैसे शब्द कहें।
ऐसा करने से उन्हें तो अच्छा लगेगा ही आपको भी शांति प्राप्त होगी, क्योंकि इस स्थान पर हम में से कोई भी हो सकता है। जो भी होगा हमारा अपना ही होगा।
1. बीमारी दवा से कम मनोबल से ज्यादा ठीक होती है।
2. एक दूसरे का मनोबल बढ़ाएं।
3. प्रणाम ईश्वर सबका मंगल हो।
4. सब स्वस्थ रहें।
5. सबके जीवन में प्रेम और शांति की स्थापना हो
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