लियाक़त कुरैशी
news1 express
जब जानवर कोई इंसान को मारे,कहते है सब उसको वहसी सारे आज जानवर को इंसान ने मारा चुप क्यो हे संसार
केरल जैसे शिक्षित राज्य में एक गर्भवती हथिनी मल्लपुरम की सड़कों पर खाने की तलाश में निकलती है। उसे अन्नानास ऑफर किया जाता है। वह मनुष्य पर भरोसा करके खा लेती है। वह नहीं जानती थी कि उसे पटाख़ों से भरा अन्नानास खिलाया जा रहा है। पटाख़े उसके मुँह में फटते हैं। उसका मुँह और जीभ बुरी तरह चोटिल हो जाते हैं।
मुँह में हुए ज़ख्मों की वजह से वह कुछ खा नहीं पा रही थी। गर्भ के दौरान भूख अधिक लगती है। उसे अपने बच्चे का भी ख़याल रखना था। लेकिन मुँह में ज़ख्म की वजह से वह कुछ खा नहीं पाती है। घायल हथिनी भूख और दर्द से तड़पती हुई सड़कों पर भटकती रही। इसके बाद भी वह किसी भी मनुष्य को नुक़सान नहीं पहुँचाती है, कोई घर नहीं तोड़ती। पानी खोजते हुए वह नदी तक जा पहुँचती है। मुँह में जो आग महसूस हो रही होगी उसे बुझाने का यही उपाय सूझा होगा। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को जब इस घटना के बारे में पता चलता है तो वे उसे पानी से बाहर लाने की कोशिश करते हैं लेकिन हथिनी को शायद समझ आ गया था कि उसका अंत निकट है। और कुछ घंटों बाद नदी में खड़े-खड़े ही वह दम तोड़ देती है।
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के जिस ऑफिसर के सामने यह घटना घटी उन्होंने दुःख और बेचैनी में इसके बारे में फेसबुक पर लिखा। जिसके बाद यह बात मीडिया में आई, ऊपर वाले ने इंसान को धरती पर सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ प्राणी के तौर पर भेजा था लेकिन ये अभागा कोरोणा से अपने अस्तितत्व बचाने के लिए लड़ रह है और बेजूबान जानवरों के अस्तितत्व को मिटाने पे तुला है।
हाथी को जानवर मत कहो साहब जानवर इंसान के रूप में वो शैतान था जिसने भूखी हथिनी को खाने का लालच दे कर अन्नानास के अन्दर बम रख कर खिला दिया😢😢।
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