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उत्तराखंड की जीवन शैली का प्रतिबिंब है हरेला :-प्रधानाचार्य

लियाक़त कुरैशी

खानपुर:-नेशनल कन्या इण्टर कालेज खानपुर में आज लोकपर्व ‘‘हरेला’’ के अवसर पर
प्रधानाचार्य डाॅ0 घनश्याम गुप्ता, एन0सी0सी0  लेफ्टिनेंट रविन्द्र कुमार
तथा एन0सी0सी0 अधिकारी डाॅ0 पारस चैधरी  के निर्देशानुसार कैडैटो द्वारा
राजकीय प्राथमिक विद्यालय माडाबेला के परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण
संरक्षण की प्रतिज्ञा ली गयी।
प्रधानाचार्य डाॅ0 घनश्याम गुप्ता ने कहा कि हरेला शब्द की उत्पत्ति
हरियाली से हुयी है। हरियाली जीवन और खुशियों का प्रतीक होती है तथा
हरेला ऋतु परिवर्तन का सूचक है यह सिर्फ एक त्यौहार न होकर उत्तराखंड की
जीवन शैली का प्रतिबिंब है। एन0सी0सी0  लेफ्टिनेंट रविन्द्र कुमार ने कहा
कि वृक्षों के बिना धरती पर जीवन व्यर्थ है क्योंकि इनसे ही हमें सांस
लेने के लिये प्राण वायु मिलती है तथा हमारे द्वारा उत्सर्जित की जाने
वाली विषैली कार्बन डाई आक्साइड गैस को पेड़ पौधे संचित कर लेते है।
एन0सी0सी0 प्रभारी डाॅ0 पारस चैधरी ने कहा कि हरेला प्रकृति के साथ
संतुलन साधने वाला त्यौहार है तथा उन्होंने कहा कि प्रकृति का संरक्षण और
संर्वंद्धन हमेशा से पहाड की परम्परा का अहम हिस्सा रहा है। हरियाली देख
कर इंसान का तन-मन प्रफुल्लित हो उठता है। कुछ कैडेटो द्वारा अपने घर तथा
विधालय परिसर में अनेक फलदार व ओषधीयें पौद्यो का रोपण कर हरेला पर्व
मनाया गया।
इस अवसर पर सोमेन्द्र सिंह पवांर, अमित गर्ग, विशाल भाटी, अशोक कुमार,
बृजपाल, सुन्दर, शीशपाल, व कैडेट आकाश कुमार, आयुष शर्मा, अभिषेक पंवार,
दिपंाशु कुमार, वंश काम्बोज, कुवंर सिंह, मंयक गुप्ता, सौरभ पंवार आदि
उपस्थित रहें।

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