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स्वतंत्रता सेनानी कर्मयोगी पंडित बल्लभ पंत की जी की133 वी जयंती पर शिक्षकों ने उनकी प्रतिमा पर फूल मालाए चढ़ाकर किया याद

10 सितंबर 2020 लियाक़त कुरैशी

भगवानपुर:-बी डी इंटर कॉलेज भगवानपुर में महान स्वतंत्रता सेनानी,कर्मशील, कर्तव्यनिष्ठ तथा महान कर्मयोगी पंडित गोविंद बल्लभ पंत की 133 वीं जयंती बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
पंडित पंत को भावपूर्ण स्मरण करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय गर्ग ने कहा कि पंत जी स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे।अपने मुख्यमंत्रित्व काल में पंडित जी ने उत्तराखंड के तराई के विकास के साथ-साथ जमीदार उन्मूलन, भूमि सुधार, चकबंदी तथा कुली बेगार प्रथा को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत के तत्कालीन गृहमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मृत्यु के पश्चात पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी को भारत सरकार में गृह मंत्री के पद की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। गृह मंत्री रहते हुए पंडित जी ने विकास की दृष्टि से तथा प्रशासनिक दृष्टि से भारत को भाषा के अनुसार राज्यों में विभाजित किया। हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने में पंडित जी ने अहम भूमिका निभाई।
विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक रजत बहुखंडी ने कहा कि पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका रही है ।उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध गांधी जी के द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में भाग लिया, साइमन कमीशन का बहिष्कार किया तथा नमक सत्याग्रह आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर भाग लिया।पंत जी ने 1927 में राम प्रसाद बिस्मिल व उसके तीन अन्य साथियों को फांसी के फंदे से बचाने के लिए वायसराय को पत्र लिखा तथा उनके मुकदमे की पैरवी की।
इस अवसर पर संजय पाल, नेत्रपाल ,निखिल अग्रवाल, रजत बहुखंडी, सुधीर सैनी, जुल्फिकार, विजय त्यागी,सैयद त्यागी, ब्रजमोहन, ललिता, अनुदीप, पारूल शर्मा,रितु वर्मा ,अर्चना पाल ,कल्पना सैनी तथा संगीता गुप्ता आदि ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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