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हरियाणा में हुए किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर  इकबालपुर में भड़के किसान –किसान विरोधी अध्यादेश वापस नही हुए तो होगा उग्र आंदोलन:- पदम सिंह भाटी

 

लियाक़त कुरैशी

रुड़की/इकबालपुर:-हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर किसानों में गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है इकबालपुर में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले किसानों ने हरियाणा में हुए किसानों पर लाठीचार्ज की घोर निंदा की और खट्टर सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग की राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पदम सिंह भाटी जिला अध्यक्ष चौधरी पहल सिंह व युवा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल के साथ मिलकर किसानों ने कारपोरेट भगाओ किसान बचाओ के जोरदार नारे लगाए

ओर ओर कुछ पत्रो को आग के हवाले भी किया और कहा किसानों के साथ किए जा रहे अत्याचार को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उन्होंने कहा की यदि किसानों की मांगों को पूरा नही किया गया किसान सड़को पर उतरकर भयंकर आंदोलन करेंगे पदम सिंह भाटी ने सरकार से मांग की आदिवासियों व अन्य किसानों के लिए संसाधन की रक्षा की जाए कंपनी द्वारा जमीन अधिग्रहण करने पर रोक लगाई जाए सरकार को एक पीढ़ी से ज्यादा खेती कर रहे किसानों को नहीं उजाड़ना चाहिए कैंपर कानून के नाम पर जंगल की जमीन पर जबरन प्लांटेशन लगाना बंद किया जाए किसान विरोधी अध्यादेश वापस लिए जाएं सभी कृषि मंडियों को सरकार ने बंद कर दिया है जिससे लाला अपनी मनमर्जी से किसानों की उपज आदि को खरीदेगा और किसान अपनी फसल बेचने को मजबूर होगा उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार ने जो उधोग की तरह किसान पर बिजली का ₹8 यूनिट बढ़ाया है और 18% टैक्स जारी किया है उसको सरकार शीघ्र वापस करें सभी किसानों के लिए खरीदारी से मुक्ति की गारंटी सुनिश्चित करें पदम सिंह भाटी ने कहा कि सरकार कोरोना दौरान सभी किसानों का 2019 20 फसल का कर्जा माफ करें और खरीफ फसल 2020 के लिए ब्याज मुक्त केसीसी जारी करें उन्होंने यह भी कहा बिजली बिल 2020 वापस लो किसान कोरोना दौर में किसानों, दुकानदारों को छूट देनी चाहिए तथा आमजन का बिजली का बिल माफ करना चाहिए डीबीटी योजना को नहीं अमल करना चाहिए 2020 के हुए फसल के नुकसान का मुआवजा किसानों को मिलना चाहिए उन्होंने डीजल के दाम भी कम करने की मांग की डीजल का दाम आधा किया जाना चाहिए क्योंकि अंतरराष्ट्रीय रेट 2014 से 60 फ़ीसदी घटा है लेकिन भारत सरकार का 10 गुना बढ़ा है उन्होंने मनरेगा में काम के दिन बढ़ाए जाने की मांग की मनरेगा में कम से कम दोसौ दिन मजदूरी दी जाए और न्यूनतम मजदूरी की दर से भुगतान किया जाए ताकि खेतिहर मजदूर किसान मजदूर गांव छोड़ वापस आए और प्रवासी किसान को इस संकट में काम मिल सके हर व्यक्ति को राशन में पूरा खाना दिया जाए और परिवार को अतिरिक्त समर्थन दिया जाए

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