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प्रेम की अलख जगाने के लिए भगवान बुद्ध के विचारों को अपने जीवन मे धारण करना चाहिये :-संजय गर्ग

लियाक़त कुरैशी

news1 express

7 मई 2020

भगवानपुर :-बी डी इंटर कालेज भगवानपुर हरिदार के प्रधानाचार्य संजय गर्ग ने छात्र-छात्राओं को व्हाट्सएप के माध्यम से ऑनलाइन बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की।
छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन संबोधित करते हुए संजय गर्ग ने बताया कि गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व वैशाख पूर्णिमा के दिन कपिलवस्तु राज्य के लुंबिनी नामक ग्राम में इशवाकुवंशीय शाक्य कुल के क्षत्रिय परिवार में हुआ था।
बौद्ध धर्म के संस्थापक महान समाज सुधारक,अहिंसा के पुजारी तथा करुणा के अवतार महामानव महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम था।श्री गर्ग ने कहा कि आज का दिन हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम यह जान सकें कि बचपन का सिद्धार्थ आगे चलकर कैसे महात्मा बुद्ध बना।
बचपन में जब सिद्धार्थ गौतम के सामने एक शिकारी के तीर से घायल होकर एक हंस उनके सामने गिरता है तो उस हंस की तड़पती जीवात्मा को देखकर वह विचलित हो उठते हैं और जब है यह देखते हैं कि न केवल जीव वरन संसार का प्रत्येक प्राणी लगभग दुखी है ,तो वह उसके निवारण के लिए बेचैन हो उठते हैं ।उनके अंदर की व्यापक बेचैनी ही उन्हें सिद्धार्थ गौतम से महामानव और फिर भगवान बुद्ध की गरिमा प्रदान करती है।
श्री गर्ग ने बताया कि भगवान बुद्ध का जन्म उस समय हुआ जिस समय क्षत्रिय धर्म में यह माना जाता था कि युद्ध में वीरगति प्राप्त करने पर सीधे स्वर्ग में जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ऐसे समय में महात्मा बुद्ध ने युद्ध से विरत रहने और दुख से निवृति के लिए मैत्री,करुणा और अहिंसा का संदेश दिया तथा विश्व मानवता को दुखों से मुक्ति, अहिंसा और करुणा का मार्ग दिखाया।
छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए श्री गर्ग ने कहा कि प्रेम की अलख जगाने के लिए ,सत्य के महत्व को बताने के लिए ,संसार को दुखों से मुक्ति दिलाने के लिए,अहिंसा और करुणा का संदेश फैलाने के लिए तथा दिव्य ज्ञान की खोज में सिद्धार्थ गौतम राज पाठ का मोह त्याग कर वन की और चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात सिद्धार्थ गौतम को 35 वर्ष की आयु में बोधगया (बिहार) के समीप निरंजना नदी के तट पर पीपल के वृक्ष के नीचे वैशाख पूर्णिमा के दिन ज्ञान का बोध हुआlतभी से वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुध कहलाने लगे।
श्री गर्ग ने कहा कि भगवान बुद्ध ने जो शिक्षाएं दी हैं वह सभी के लिए कल्याणकारी हैं और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस धर्म को मानने वाले हो ।किसी भी धर्म के अनुयायी भगवान बुद्ध की शिक्षाओं पर चलकर अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं ।हम सब को भगवान बुद्ध के विचारों को अपने जीवन में धारण करने का संकल्प लेना चाहिएl

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