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नमामि गंगे घाट पर रखी संत शिरोमणि रविदास जी की मूर्तियों को गंगा में डालने से खफ़ा विधायक ने निम्नलिखित मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन

लियाक़त कुुरैशी

रुुड़की:-वर्ष 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में संत शिरोमणी गुरू रविदास मंदिर हरकी पैड़ी का सौन्दर्यीकरण एवं मंदिर के उपर से सीडियों को हटवाने के लिये 16 अक्टूबर 2016 को रविदास मंदिर मुक्ति आन्दोलन समिति के नेतृत्व में आन्दोलन किया था जिसमें लाखों की भीड़ जमा हुई थी और स्वंय तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत जी द्वारा स्टेज पर आकर ज्ञापन लिया गया था तदोपरान्त गुरू रविदास मंदिर हरकी पैडी का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत जी, तत्कालीन कैबिनेट मंत्री श्रीमती इन्दिरा हृदयेश जी व तत्कालीन विधायक एवं वर्तमान मंत्री मदन कौशिक जी द्वारा किया गया था, लेकिन आधा अधूरा कार्य किया गया।
दिनांक 25 मई, 2020 की रात्रि नमामि गंगे घाट पर रखी संत शिरोमणि गुरू रविदास जी एवं उनकी परम शिष्या मीरा जी की मूर्तियों को नाम अज्ञात, फिक्रापरस्त व्यक्तियों के रूप में शैतानों द्वारा गंगा जी में डाल दिया गया था, जिससे संत शिरोमणी गुरु रविदास जी के अनुयायियों एवं अनुसूचित जाति समाज में रोष व्याप्त है और मैने स्वयं भी मौके पर जा कर वस्तु स्थिति का जायजा लिया है
अतः उपरोक्त दोनों बिन्दुओं के आधार पर मंै निम्नलिखित मांग करता हूँ।
1. नमामि गंगे घाट पर स्थित गुरू रविदास एवं मीरा जी कि दोनों मूर्तियां संगमरमर की बनाकर, स्थायी रूप से लोहे के जाल का सुरक्षा घेरा बनाकर स्थापित की जाय ।
2. समाज में वैमनस्यता फैलाने एवं सरकार को बदनाम करने की दृष्टि से जिन्होंने ये कुकृत्य जघन्य अपराध किया है उन्हें जल्दी से जल्दी सलाखों के पीछे डाला जाय।
3. नमामि गंगे घाट के नाम के साथ-साथ यह घाट संत शिरोमणि गुरू रविदास घाट के नाम से भी पुकारा जाय क्योंकि मां गंगा के सबसे बड़े व परम भक्त थे गुरू रविदास।
4. संत शिरोमणी गुरु रविदास जी के मन्दिर के ऊपर से पेडियों को हटाया जाय।
5. भगवान बाल्मिकी जी के मंदिर का सौन्द्रयीकरण वर्ष 2021 के कुम्भ के बजट के अन्तर्गत कराया जाय

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