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भाई को विधुत लाइन में झुलसा देख भाई ने किया बिजली घर मे हंगाम गुस्साए भाई ने छः माह पुरानी खोली विधुत अधिकारीयो की पोल —–?

लियाक़त कुरेशी

झबरेड़ा– भाई को विद्युत लाइन में झुलसा हुआ देख भाई ने बिजलीघर पर हंगामा खड़ा कर दिया और विद्युत विभाग अधिकारीयो पर रिश्वत लेकर भी काम न करने का आरोप लगाया जबकि विधुत विभाग के जेई ने पीड़ित के भाई पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की बात कही ।


जानकारी के अनुसार अमित कुमार (मोनू) निवासी हर्षप्रीत एनक्लेव जाटोल रोड पर अपने मकान पर निर्माण कार्य कर रहा था पास से गुजर रही विद्युत लाइन की चपेट में आ गया और बुरी तरह झुलस कर गंभीर रूप से घायल हो गया आनन-फानन में पीड़ित को कस्बे के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया विधुत विभाग की लापरवाही को देखते हुए गुस्साए पीड़ित के भाई ने बिजली घर पर हंगामा खड़ा कर दिया पीड़ित के भाई का कहना है कि अगस्त 2020 से बिजली विभाग के अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दे चुका हूं कि मेरे यहां मकान निर्माण का कार्य चल रहा है और उसके पास से11 हजार की विद्युत लाइन गुजर रही है जिसमें एक बड़ा हादसा हो सकता है

उसे हटवाने की कृपया करें लेकिन विद्युत विभाग अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया तथा मुझसे 20 अगस्त 2020 से रिश्वत की मांग करते आ रहै है जिसे देने में असमर्थ था पीड़ित के भाई ने कहा कि मजबूरन अपने कार्य को कराने के लिए मैंने ब्याज से पैसे लेकर ₹10000 विधुत अधिकारी को दीये उसके बाद भी विद्युत अधिकारी कार्य में लापरवाही बरतते आ रहे है और मुझे कार्यालय के चक्कर कटवाते आ रहे विद्युत अधिकारियों कहने के बावजूद मैंने 5 दिसम्बर को 2020 को एक प्रार्थना पत्र और दिया इसी तरह तीसरी बार भी मैंने खंभे पर टी एंगल लगाने के लिए विद्युत अधिकारियों को एक प्रार्थना पत्र दिया लेकिन बार-बार मेरे द्वारा दिए जा रहे प्रार्थना पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी आज इसका नतीजा यह निकला कि मकान पर निर्माण कार्य करते समय मेरा भाई अमित (मोनू) विद्युत लाइन की चपेट में आ गया और जिंदगी मौत के बीच जूझ रहा है तथा कस्बे के प्रज्ञा अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है पीड़ित के भाई ने आरोप लगाया कि अधिकारियों को सिर्फ और सिर्फ पैसों से मतलब है उन्हें किसी की मौत जिंदगी से कोई लेना देना नहीं है पीड़ित के भाई ने रोते हुए सरकार से गुहार लगाई है कानून के आधार पर संबंधित विद्युत अधिकारी खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए जबकि विद्युत विभाग के जेई का कहना है कि लाइन शिफ्टिंग का मामला है पहले स्टीमेट के पैसे जमा करना पड़ता है उसके बाद लाइन बदलने का कार्य किया जाता उन्होंने ये भी कहा कि पैसे देने का आरोप झूठा लगा रहे हैं यदि उन्होंने किसी को पैसा दिया है तो गलत दिया है उन्होंने यह भी कहा के विद्युत लाइन के 9 मीटर के दायरे में वह किसी भी तरह का निर्माण कार्य नही किया जा सकता यह भविष्य के लिए भी खतरा है और अवैध माना जाता है

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