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अर्श ए इलाही तक पहुंची मजदूर की आवाज कंपनी द्वारा रचा गया षड्यंत्र हुआ फैल– उच्च न्यायालय ने मोटोकॉर्प कंपनी को भेजा नोटिस-

अर्श ए इलाही तक पहुंची मजदूर की आवाज कंपनी द्वारा रचा गया षड्यंत्र हुआ फैल उच्च न्यायालय ने मोटोकॉर्प कंपनी को भेजा नोटिस-

लियाक़त क़ुरैशी
रुड़की:- एक कहावत है मजदूर की ‘आह, मां की तड़प पहाड़ को भी रेजा रेज़ा (कण कण)बना देती है ऊपर वाले के यहां देर है अंधेर नहीं

चार वर्ष पहले हरिद्वार की हीरो मोटोकॉर्प कंपनी ने मजदूर अरुण सैनी को नियम विरुद्ध तरीके से काम से निकाल दिया था क्योंकि अरुण सैनी कंपनी में कार्य करत श्रमिकों के साथ होने वाले अन्याय के विरुद्ध कंपनी प्रबंधन के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराता था इसलिए कंपनी ने दो खास कर्मचारी अमित कुमार सुमित कुमार के साथ मिलकर एक षड्यंत्र रचा और और अरुण सैनी के निवास स्थान ग्राम सलेमपुर राजपूतान रुड़की पहुंचकर एक आपराधिक वारदात को अंजाम दिया जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट गंग नहर रुड़की में दर्ज हुई कंपनी प्रभाव में आकर विवेचना अधिकारी ने निष्पक्ष विवेचना नहीं की। जिसके विरुद्ध अरुण सैनी के पिता स्वर्गीय चंद्रपाल सैनी ने रुड़की न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तमाम सबूतों को देखकर रुड़की न्यायालय ने पक्षपात पूर्ण की विवेचना को निरस्त कर अभियुक्त अमित कुमार आदि को न्यायालय में तलब किया है अरुण सैनी के द्वारा हीरो मोटोकॉर्प सिडकुल हरिद्वार एवं अन्य आरोपियों के खिलाफ उत्तराखंड हाई कोर्ट नैनीताल में याचिका दायर की गई जिस पर सुनवाई के उपरांत आरोपी अमित कुमार आदि सहित टू व्हीलर कंपनी हीरो मोटोकॉर्प सिडकुल हरिद्वार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है जिसमें पीड़ित मजदूर अरुण सैनी को न्याय मिलने की उम्मीद जग गई है और अन्य श्रमिकों में भी कानून के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है इस घटना को एक दुखद पक्ष यह भी है की श्रम विभाग जिस पर श्रमिकों के हितों की रक्षा का दायित्व है वह भी मात्र सेवायोजक का ही पक्ष लेता रहा है और मजदूर और अरुण सैनी के द्वारा अपनी और कानूनी सेवा समाप्ति का जो विवाद स्थानीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था उसको पहले तो निलंबित किया जाता रहा और फिर भी कंपनी के प्रभाव में श्रम न्यायालय के द्वारा अभीनिर्णीत किए जाने की कोई अनुशंसा भी शासन को नहीं भेजी गई जो कि भेजना उनका वैधानिक दायित्व था न्यायालय के वर्तमान आदेश से एक बार फिर सभी को यहां संदेश गया है कि धनबल के अन्याय के सामने कानून की ताकत बड़ी है धनबल व अन्याय के द्वारा निरीह और आर्थिक रुप से कमजोर मजदूर की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।।।

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