झबरेडा–श्री सत्यनारायण मंदिर इंटर कॉलेज मखदुमपुर में छात्रों को एकत्र कर ओजोन परत के बारे में बताया इंटर कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए ईशा चौधरी ने बताया की सूर्य की किस प्रकार हानिकारक पराबैंगनी किरणें मानव जीवन जीव जंतुओं में पेड़ पौधों और हमारे पर्यावरण को हानि पहुंचा रहे हैं और साथ ही साथ ओजोन परत का संरक्षण करने के लिए उपाय व सुझाव दिए उन्होंने बताया कि
‘ओजोन’OZONE’ (O3) आक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो वायुमण्डल में बहुत कम मात्रा (०.०२%) में पाई जाती हैं। समुद्र-तट से 30-32km की ऊँचाई पर इसकी सान्द्रता अधिक होती है। यह तीखे गंध वाली अत्यन्त विषैली गैस है।
पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है, जिसे ओजोन परत कहते हैं. ये परत न केवल हमें सूरज से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है बल्कि हानिकारक किरणों से होने वाली समस्याओं के दूर रखती है. ओजोन की परत की खोज 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी.
इस अवसर पर प्रधानाचार्य विजय कुमार विज्ञान अध्यापिका पारुल गोयल सूरज

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