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200वा बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री

तहलका न्यूज

भगवानपुर..राजा विजय सिंह शहीद स्मारक के 200 वर्ष पूरे होने की पूर्व संध्या  पर  श्रद्धांजलि देंने के  बाद संभा को संबोधित करते हुए मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कुजा बहादुरपुर कोई सामान्य स्थान नहीं हो सकता यह वीरों की भूमि हे  हमारे लिए तीर्थ स्थान है यहां अनेक प्रकार से तीर्थ स्थल बनना चाहिए।

कुंजा  बहादुरपुर  की  इस भूमि ने बड़ा आंदोलन प्रचलित करने का काम किया है इस भूमि से वह ज्वाला प्रचलित हुई है कंजा बहादुरपुर भारतीय इतिहास की एक ऐसी वीर भूमि है जिसने 1857 से पहले 1822 से 24  अंग्रेजी हुकूमत का ऐसा शंखनाद किया और यह भूमि  मजबूत न्यू भारत को आजाद करवाने का एक माध्यम बनी थी कहा अंग्रेजी हुकूमत पूरी तरह से 3 अक्टूबर 1824 का वह दिन भारत की स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखने वाला ऐतिहासिक दिन था जिस दिन राजा विजय सिंह जी के नेतृत्व सेनापति कल्याण सिंह जी के नेतृत्व 152 वीर सैनिकों ने अपनी प्राणों की आहुति दी थी उन वीरों के इस महान बलिदान में जहां एक और स्वतंत्रता की जो मिशाल है उसको प्रचलित करने का काम किया और  आने वाली पीढियां के लिए भी एक आदर्श स्थापित किया और यह बलिदान उसे समय की सबसे बड़ी क्रांति थी 1857 से 35 वर्ष पूर्ण स्वतंत्रता संग्राम का बीज बोने का काम इसी क्रांति ने किया था यह केवल एक विद्रोह नहीं था बल्कि राष्ट्र चेतना का एक अभिनव था जिसे अंग्रेजी सत्ता को ये बता दिया कि भारत के सपूत अपनी देश कीस्वतंत्रता के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते है उन्होंने  बताया राजा विजय सिंह जी और उनके साथियों ने सिखाया हे कि स्वतंत्रता कभी भीख में नहीं मिल सकती है स्वतंत्रता के लिए  बलिदान देना होगा और तभी स्वतंत्रता प्राप्त की जा सकती है

पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरयाल निशंक ने मुख्य मंत्री का  आभार प्रकट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अपना हरियाणा का कार्यक्रम तब्दील कर कुंजा में अपना समय दिया उन्होंने मुख्य मंत्री की अपने शब्दों में तारीफ की उन्होंने कहा शहीद राजा विजय सिंह का बलिदान भारत के बच्चे बच्चे को याद होना चहिए निशंक ने कहा कि भारत की आजादी  की शुरुआत  1857 से नहीं 1822 से शुरू हुई उन्होंने कहा कि कंजा बहादुरपुर की धरती के 152 लोगों को देश आजादी के लिए 152 वीर लटक गए और हार नहीं मानी निशंक ने शहीद राजा विजय सिंह को राष्ट्रीय स्मारक समिति घोषित करने की मांग की ताकि देश के कोने कोने से लोग आकर माथा टेके। कार्यक्रम के मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ने कहा कि कंजा बहादुरपुर बलिदान की भूमि हे जब भी बलिदान की जरूरत पड़ी थी इस  धरती पर रहने वालों ने बलिदान दिया हमारी इस भूमि को हमारे पूर्वजों ने अपने खून से सीचा हे उन्होंने कंजा में आए सभी अतिथियों का स्वागत किया।

राज्य सभा सासंद कल्पना सैनी ने  कहा  हमारे देश पर चारों तरफ खुशहाली हे सबकी निगाहे इस देश पर पड़ती हे लेकिन राजा विजय सिंह जैसे बहादुर वीरों ने अपने देश के ऊपर आंख उठने नहीं दी। उन्होंने सुनेहरा में लटकाए गए वीर शहीदों को भी श्रंद्धाजलि अर्पित की उन्होंने शहीद राजा विजय सिंह स्मारक को जगाने वाले अजमेर सिंह को भी याद किया।

कार्यक्रम के मौके पर जो उम्मीदों के पत्र जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ने दिया था  उसे मुख्यमंत्री ने अगले कार्यक्रम में देने की घोषणा की

 

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