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अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का उद्देश्य सामुदायिक व सामाजिक रुप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना:- प्रधानाचार्य

8 सितंबर 2020 लियाक़त कुरैशी-7500007413

भगवानपुर :-बी डी इंटर कॉलेज, भगवानपुर हरिद्वार में ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का आयोजन किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर बोलते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय गर्ग ने कहा कि इस दिवस का उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रुप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है ।यह दिवस शिक्षा को बढ़ावा देने तथा शिक्षा की महत्ता बताने के लिए मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ 1966 से प्रतिवर्ष वैश्विक समुदाय को साक्षरता के प्रति जागरूक करने के लिए इस दिवस को मनाता आ रहा है।
प्रधानाचार्य संजय गर्ग ने कहा कि शिक्षा न केवल व्यक्तिगत सशक्तिकरण का एक साधन है वरन मानव और सामाजिक विकास का भी एक प्रमुख उपकरण है। शिक्षा गरीबी दूर करने,जनसंख्या वृद्धि रोकने, लैंगिक समानता प्राप्त करने, अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने, अपने अधिकारों को जानने, परिवार समाज तथा देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने तथा लोकतंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक साक्षर और शिक्षित व्यक्ति ही समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। श्री गर्ग ने बताया कि विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं कोरोना काल में भी घर-घर जाकर शिक्षा की अलख जगा रहे हैं तथा कोरोनावायरस तथा डेंगू से बचाव की जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।
साहित्य संगम की संयोजिका श्रीमती कल्पना सैनी ने कहा कि यह दिवस निरक्षरता को समाप्त करने का संकल्प याद दिलाता है ।हमें देश के प्रत्येक नागरिक को साक्षर बनाना है जिससे कि विकास का पहिया तेजी से अग्रसर हो सके।
साहित्य संगम के सह संयोजक नेत्रपाल ने कहा कि पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण शिक्षित होना है। एक शिक्षित व्यक्ति जीवन के लिए धन कमा सकता है जबकि एक अशिक्षित व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी जमा पूंजी को भी गवां देता है।
कक्षा 10 की छात्रा रिया ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत की कुल साक्षरता 77.7 प्रतिशत है जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 70.3 प्रतिशत है जबकि ग्रामीण महिलाओं की साक्षरता दर तो इससे भी बहुत कम है । कु रिया ने कहा कि बालिकाओं एवं महिलाओं के शिक्षित न होने के कारण ही उनका हरेक प्रकार का शोषण होता है ।कु रिया ने कहा कि जब एक बालक पड़ता है तो वह केवल बालक पड़ता है लेकिन जब एक बालिका पड़ती है तो दो परिवार पढ़ते हैं। इसलिए बालिका शिक्षा पर अभी और विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर एक ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया जिसमें
कक्षा 10 की छात्रा कु रिया ने प्रथम स्थान
कक्षा 10 की छात्रा कु सबिया ने द्वितीय स्थान
तथा कक्षा नौ की छात्रा कु हिमानी ने तृतीय स्थान
प्राप्त किया

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