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रमजान क तीसरे जुमे की नमाज में कोरोना से मुक्ति की मांगी गई विशेष दुआ ,,रमजान की बेशुमार फजीलतें-मौलाना अजहर उलहक

लियाक़त कुरैशी

रुडकी।नगर व आसपास के क्षेत्रों में रमजान उल मुबारक के तीसरे जुमे की नमाज पूरे अकीदत के साथ अदा की गई।नमाज के देश में अपनों-अमान,खुशहाली,प्रदेश की तरक्की के साथ ही कोरोना से मुक्ति की भी विशेष दुआ भी मांगी गई।नगर निगम की ओर से नगर की सफाई व्यवस्था तथा सभी मस्जिदों के आसपास बेहतर सफाई की गई।जुमे की नमाज को लेकर मस्जिद की प्रबंध कमेटियों द्वारा पहले ही ऐलान किया जा चुका था कि कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के मस्जिद में ना आए और उचित दूरी बनाकर नमाज अदा करें,जिसके तहत जुमे को लोग मुंह पर मास्क लगाकर मस्जिदों में पहुंचे और रमजान माह के तीसरे जुमे की नमाज अकीदत के साथ अदा की।नगर की प्रमुख जामा मस्जिद में जुमा की नमाज से पहले मौलाना अजहर उल हक ने अपने खुतबे में कहा कि रमजान उल मुबारक का महीना बेहद पवित्र महीना है।इस महीना को इस्लाम के सभी महीनों में सबसे अफजल महीना माना गया है।रमजान में अल्लाह की बेशुमार रहमतें नाजिल होती हैं और इस महीने में हर मोमिन अल्लाह की रजा के लिए रोजा रखकर उसका बंदों की खिदमत करता है।कारी मोहम्मद कलीम ने जुमे की नमाज अदा कराई।नमाज के बाद उन्होंने विशेष दुआ मांगी तथा लोगों से कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार के आदेशों का पालन करने की अपील की।उन्होंने कहा कि इस संक्रमित बीमारी से बचने के लिए मास्क का उपयोग बहुत जरूरी है।सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कार्य करें तथा जरूरत पड़ने पर ही घरों से बाहर निकलें।मदरसा इरफानुल उलूम स्थित मस्जिद में मौलाना नसीम कासमी ने जुमे की नमाज अदा कराई तथा उन्होंने जकात,सदका,फितरा के बारे में बताते हुए कहा कि रोजा केवल इबादत ही नहीं,बल्कि बेशुमार मरीजों की भी दवा है।रोजा रखने से इंसान रूहानी तौर पर पाक हो जाता है।मस्जिद में सोशल डिस्टेंसिंग में रोजेदारों ने नमाज अदा की।इस बार फितरे की रकम 35 रुपये तय की गई है।इस अवसर पर मौलाना अरशद कासमी,अफजल मंगलौरी,हाजी नौशाद अहमद,डा.नैयर काजमी,शेख अहमद जमां,हाजी लुकमान कुरैशी,जावेद अख्तर एडवोकेट,डा.मोहम्मद मतीन, कुंवर जावेद इकबाल,प्यारे मियां,फखरे आलम खान, सलमान फरीदी,सैयद नफीस उल हसन,इमरान देशभक्त,सलीम साबरी आदि मौजूद रहे।

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