लियाक़त कुरैशी
रूडकी।गुजरात के प्रसिद्ध उद्योगपति,अनेक सामाजिक सेवा संस्थानों के संस्थापक,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घनिष्ठ मित्र रहे इब्राहिम सेठ सुपेडीवाला का मुंबई में 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया।इब्राहिम सेठ का पीरान कलियर दरगाह शरीफ से गहरा रिश्ता रहा है और पीरान कलियर से गाने वाली और मुजरा करने वाली तवायफ़ों को बंद कराने में उनका खास योगदान रहा।वो वर्ष में दो बार जीवन पर्यंत पीरान कलियर आकर लंगर,दान पुन,समाज सेवा व धर्मार्थ कार्य करते थे।मरहूम इब्राहिम सेठ के निकट रहे अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने बताया आज ही उनके परिवार से सेठ के निधन की सूचना मिली,जिसे सुनकर उनके परिचितों में शोक की लहर है।दरगाह हज़रत साबिर पाक के सज्जादा नशीन शाह अली मंज़र एजाज साबरी ने इब्राहिम सेठ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए देश का एक महान समाजसेवी,राष्ट्रीय एकता का प्रतीक व्यक्तित्व हमारे बीच से चला गया,जिसकी पूर्ति नामुमकिन है।अफजल मंगलौरी ने बताया कि दरगाह के पूर्व सज्जादगान शाह एजाज साबरी उर्फ जाजी मियां,शाह मंसूर एजाज,शाह मंजर एजाज साबरी के मरहूम इब्राहिम सेठ के नजदीकी सम्बंध रहे और उनके कहने पर सेठ ने अनेक निर्माण कार्य और समाज सेवा के कार्य किये।कलियर में साठ वर्ष पूर्व से वे गरीबों को रजाई वितरण,गरीब बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक सहायता,यतीम लड़कियों की शादी के साथ-साथ भेल हरिद्वार में हर वर्ष में मुफ्त आंखों का कैम्प लगवाते रहे जो सिलसिला 1990 तक जारी रहा।कोविड के बावजूद इब्राहिम सेठ वर्ष 2019 में भी अंतिम बार पीरान कलियर उर्स में आए ।उनके परिवार में उनके बेटे साबिर सेठ,शाकिर लोखंडवाला और पोते पोती है।उनके निधन पर अनेक सज्जादा नाशीनों और समाज सेवियों ने संवेदना प्रकट की है,जिनमे अजमेर दरगाह के गद्दी नाशीन पीर सैयद नजर हुसैन चिश्ती,सैयद फरीद महाराज,ईश्वर लाल शास्त्री, इमरान देशभक्त,पंजाब अकाली दल के उपाध्यक्ष उस्मान कुरैशी,पुरकाजी चैयरमेन नसीम मियां,जावेद सलमानी,महमूद कुरैशी,सैयद उस्मान नसीम, पूर्व विधायक मंगलौर काजी निजामुद्दीन,सैयद अमजद अली, नौशाद कुरैशी,सलमान कुरैशी,पीरान कलियर के शाह सुहेल मियां,शाह यावर मियां,शाह खालिक मियां,राजू फरीदी,राव इनाम साबरी,मेहताब साबरी, फरहत सिद्दीकी,नईम सिद्दीकी,सैयद नफीसुल हसन,सलीम साबरी आदि ने शोक व्यक्त किया।
More Stories
यति नरसिंहानंद के द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब पर अमर्यादित टिप्पणी भरा वीडियो वायरल होने को लेकर मुस्लिम समुदाय में रोष, जमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाये ने दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
200वा बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री
1857 से नहीं 1822 कुँजा बहादुरपुर से शुरू हुई आजादी की लड़ाई.. विनीत