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रुड़की मेयर की कुर्सी हुई खाली,, विवादो से घिरे गौरव गोयल ने रुड़की मेयर पद से दिया इस्तीफा,,हरिद्वार के डीएम को मिली प्रशासक की कमान

रुड़की मेयर की कुर्सी हुई खाली विवादो के घेरे में आए रुड़की मेयर ने दिया इस्तीफा ,,हरिद्वार के डीएम को मिला प्रशासक का चार्ज

रुड़की ,,विवादों के बीच शुक्रवार को नगर निगम रुड़की के मेयर गौरव गोयल ने इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा शासन ने मंजूर करते हुए हरिद्वार के डीएम को प्रशासक तैनात कर दिया है।
मेयर गौरव गोयल ने शुक्रवार को शासन को अपना इस्तीफा भेजा था। प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए  नगर निगम रुड़की के मेयर पद को रिक्त घोषित कर दिया है।

 

इसके साथ ही हरिद्वार के जिलाधिकारी को निगम में प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है। प्रमुख सचिव की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, जिलाधिकारी के आदेशों के तहत निगम में नगर आयुक्त सभी रूटीन काम करेंग

ज्ञात हो की रुड़की निगम की पहली बोर्ड बैठक में पार्षद व मेयर अलग-अलग नजर आए। इसके बाद जो भी बैठक हुई है  सभी में हंगामा देखने को मिला  पार्षदों और मेयर के बीच खींचतान से बोर्ड चल नहीं पाया। पार्षदों के साथ-साथ अधिकारियों से भी मेयर की ठन गई।  ठेकेदार और कर्मचारी तक भी मेयर से नाराज हो गए। यहां तक की उन्होंने इसकी शिकायत शासन तक की। बीती । 25 जुलाई को हुई बोर्ड की बैठक में मेयर गौरव गोयल अपनी कुर्सी पर नहीं बैठ पाए। पार्षदों ने देरी से आने पर उनके स्थान पर अध्यक्ष के रुप में पार्षद चंद्र प्रकाश बाटा को मनोनीत कर उन्हें मेयर की कुर्सी पर बैठा दिया था। जिससे रुड़की मेंयर गौरव गोयल  नाराज हो गए थे और बाद में आने के बाद अपनी कुर्सी से तौलिए को उठा फेंका था और कुर्सी एक साइड में लगा दी थी इसी संबंध में पार्षद चंद्र प्रकाश बाटा उसके चहेती में भारी आक्रोश दिखाई दिया।

25 लाख रिश्वत मांगे जाने के ऑडियो ने की छवि धूमिल

लीज की संपत्ति स्थानांतरण को लेकर सुबोध गुप्ता से 25 लाख रुपये मांगे जाने का एक ऑडियो वायरल हुआ। जिसमें दावा किया गया था कि रुपये मेयर गौरव गोयल ने मांगे हैं। इस मामले में कोतवाली रुड़की में मुकदमा तक दर्ज हुआ। ऑडियो और मेयर की आवाज का मिलान भी कराया गया। मेयर गोयल के खिलाफ यह सबसे ठोस सबूत साबित हुआ।नगर निगम रुड़की के मेयर गौरव गोयल खिलाफ गीतांजलि विहार निवासी अमित अग्रवाल ने उच्च न्यायालय में रिट दायर की थी। जिसमें उन्होंने मेयर पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए जांच कराने व कार्रवाई की मांग की थी। जिसमें उन पर लीज संपत्ति हस्तांतरण के नाम पर 25 लाख रुपये रिश्वत मांगे जाने, निगम की पत्रावलियों में छेड़छाड़ करने, ठेकेदारों को परेशान करने व कर्मचारियों से ठीक व्यवहार न करने आदि के आरोप लगाए थे। न्यायायल ने इस पर संज्ञान लिया।

मेयर गौरव गोयल ने इस्तीफा देने के लिए शहर विधायक प्रदीप बत्रा, पार्षदों और निगम के एक पूर्व अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया है पूर्व नियोजित ढंग से हर बोर्ड बैठक में उन्हें टारगेट करते हुए पार्षदों ने हंगामा किया। यह सब विधायक प्रदीप बत्रा की शह पर हुआ। जानकारी हो की नगर निगम बोर्ड की हुई बैठक में  25 जुलाई को जमकर हंगामा हुआ था। बिना कोई प्रस्ताव पढ़े ही बोर्ड बैठक स्थगित कर दी थी। मेयर ने उसी दिन घोषणा कर दी थी कि वह पद से इस्तीफा देंगे।

 

 

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