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हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में प्रथम स्थान लाने वाले छात्र, छात्राओं को मिलेगा ₹51सौ उत्साह वर्धन पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री के जन्म दिवस पर डॉ गौरव चौधरी ने की घोषणा

हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में प्रथम स्थान लाने वाले छात्र छात्राओं को मिलेगा ₹51सौ का नगद पुरस्कार पूर्व पूर्व प्रधानमंत्री के जन्म दिवस पर डॉ गौरव चौधरी ने की घोषणा

लियाक़त

नारसन:-गुरुकुल राजा महेंद्र प्रताप इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र, छात्रा यदि 10वी व 12वी की परीक्षा में प्रथम स्थान लाते है तो उन बच्चों को चौधरी चरण सिंह स्कोलरशिप के नाम से 51सौ रु पुरस्कार के रूप में उत्साह वर्धन के लिए दिए जाएंगे ये घोषणा उत्तरखंड के पुर्व राज्य मंत्री डॉ गौरव चौधरी ने इंटर कॉलेज में मनाए जा रहे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस कार्यक्रम के दौरान की डॉ गौरव चौधरी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। डॉ गौरव चौधरी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण जीवन का परिचय भी विस्तार पूर्वक समझाया
उन्होंने कहा चौधरी चरण सिंह जन्म (23 दिसंबर 1902 -को हुआ था वह भारत के किसान राजनेता एवं पाँचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया!
कांग्रेस के लौहर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था, जिससे प्रभावित होकर युवा चौधरी चरण सिंह राजनीति में सक्रिय हो गए। उन्होंने गाजियाबाद में कांग्रेस कमेटी का गठन किया। 1930 में जब महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का आह्वान किया तो उन्होंने हिंडन नदी पर नमक बनाकर उनका साथ दिया। जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा।कहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों के नेता माने जाते रहे हैं। उनके द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था। एक जुलाई 1952 को यूपी में उनके बदौलत जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला। उन्होंने लेखापाल के पद का सृजन भी किया। किसानों के हित में उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया। वो 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 17 अप्रैल 1968 को उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। मध्यावधि चुनाव में उन्होंने अच्छी सफलता मिली और दुबारा 17 फ़रवरी 1970 के वे मुख्यमंत्री बने। उसके बाद वो केन्द्र सरकार में गृहमंत्री बने तो उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की। 1979 में वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक [नाबार्ड] की स्थापना की।28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बने।

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