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कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद राज्य सरकार अलर्ट.. अपर आयुक्त के शख्त आदेश: एफ डी.ए. ने  की ताबड़तोड़ कार्रवाई, मेडिकल स्टोर और फार्मा कंपनियों से लिए 20 नमूने..

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हरिद्वार, 4 अक्टूबर।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से बच्चों की हुई मौत को संज्ञान में रखते हुए राज्य सरकार और हरिद्वार f,d,a अलर्ट हो गई हे सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार जिले में प्रतिबंधित कफ सिरप और अन्य औषधियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू किया है। हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने जिले को संवेदनशील मानते हुए विशेष निगरानी बढ़ाई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) की टीम हरिद्वार में लगातार निरीक्षण कर रही है।

हरिद्वार जिले में शनिवार को बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई। जिले में स्थित फार्मा कंपनियों, मेडिकल स्टोर्स और CMSD स्टोर्स का निरीक्षण किया गया। इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि बाजार में उपलब्ध दवाएं सुरक्षित हों और उनके निर्माण में किसी तरह की लापरवाही न हुई हो।

निरीक्षण के दौरान Shreya Pharma (भगवानपुर), Kim Laboratories (मखनपुर, भगवानपुर) और Omega Pharma कंपनियों और अलग अलग जगह से टीम द्वारा लगभाग  कुल 20 नमूने लिए गए। यदि किसी भी नमूने में दोषपूर्ण दवा पाई जाती है तो उसे तुरंत बाजार से हटाया जाएगा और जिम्मेदार कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस कार्रवाई में सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती, ड्रग इंस्पेक्टर मेघा, ड्रग इंस्पेक्टर हरीश और सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) के अधिकारी शामिल थे। टीम ने फार्मा कंपनियों के साथ-साथ CMSD स्टोर और मेडिकल स्टोर्स में उपलब्ध दवाओं की भी पूरी तरह से जांच की। निरीक्षण में यह सुनिश्चित किया गया कि सभी दवाएं निर्धारित मानकों के अनुरूप हों और बच्चों की सुरक्षा को खतरा न हो।

स्वास्थ्य सचिव के निर्देश

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, एफ.डी.ए. डॉ. आर. राजेश कुमार ने हरिद्वार जिले के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों (CMO) को सख्त निर्देश दिए हैं कि –

भारत सरकार की एडवाइजरी का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।

औषधि निरीक्षक नियमित रूप से CMSD स्टोर, मेडिकल स्टोर और फार्मा कंपनियों से नमूने एकत्र करें।

दोषपूर्ण या संदिग्ध दवा पाए जाने पर उसे तुरंत बाजार से हटाया जाए।

दोषी कंपनियों और स्टोर्स पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि बच्चों और आम जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एफ.डी.ए. ने जिले के डॉक्टरों से अपील की है कि वे बच्चों को प्रतिबंधित कफ सिरप का पर्चा न लिखें। केवल सुरक्षित और अनुमोदित दवाओं का प्रयोग करने की सलाह दी गई है।

साथ ही जनता से अनुरोध किया गया है कि किसी भी संदिग्ध दवा या स्टोर की जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग या एफ.डी.ए. टीम तक पहुँचाएँ। इससे समय रहते कार्रवाई संभव होगी और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो

हरिद्वार में अभियान जारी

सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने कहा कि हरिद्वार जिले में फार्मा कंपनियों, मेडिकल स्टोर्स और CMSD स्टोर्स पर निरीक्षण लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “बच्चों और मरीजों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यदि किसी कंपनी या स्टोर में दोषपूर्ण दवा पाई जाती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

एफ.डी.ए. का यह अभियान केवल निरीक्षण तक सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हरिद्वार जिले में बाजार में उपलब्ध सभी दवाएं सुरक्षित और मानकों के अनुरूप हो

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि दोषपूर्ण दवा बनाने या बेचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिले में छापेमारी अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक यह पूरी तरह सुनिश्चित न हो जाए कि बाजार में उपलब्ध सभी दवाएं सुरक्षित और मानकों के अनुरूप हो

हरिद्वार जिले में एफ.डी.ए. की यह कार्रवाई राज्य सरकार की गंभीरता और बच्चों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाती है। फार्मा कंपनियों, CMSD स्टोर्स और मेडिकल स्टोर्स पर लगातार निरीक्षण और नमूनों की जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाजार में कोई भी दोषपूर्ण या प्रतिबंधित दवा न रहे।
उनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। हरिद्वार में एफ.डी.ए. का अभियान आगे भी जारी रहेगा और दोषपूर्ण दवाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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